दूरी और विस्थापन
भौतिकी में गति का अध्ययन करते समय दूरी और विस्थापन दो महत्वपूर्ण संज्ञाएँ हैं। ये दोनों शब्द एक जैसे प्रतीत होते हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इनमें स्पष्ट अंतर होता है। दूरी एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है जो यह बताती है कि कोई वस्तु कितनी लंबाई तय कर चुकी है, भले ही वह सीधी रेखा में न चली हो। यह केवल परिमाण को दर्शाती है और इसका दिशा से कोई लेना-देना नहीं होता।
दूसरी ओर, विस्थापन एक सदिश राशि (Vector Quantity) है जो वस्तु की प्रारंभिक स्थिति से अंतिम स्थिति तक की न्यूनतम दूरी तथा दिशा दोनों को दर्शाती है। यदि कोई छात्र अपने घर से स्कूल जाता है और फिर वापस घर लौट आता है, तो उसकी कुल दूरी दोनों ओर की यात्रा का योग होगी, परंतु विस्थापन शून्य होगा क्योंकि प्रारंभिक और अंतिम स्थिति एक ही है।
उदाहरण के रूप में यदि कोई व्यक्ति पूर्व दिशा में 5 मीटर चलता है और फिर पश्चिम दिशा में 3 मीटर लौट आता है, तो कुल दूरी 8 मीटर होगी लेकिन विस्थापन केवल 2 मीटर पूर्व दिशा में होगा। इसका कारण यह है कि विस्थापन केवल प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की सीधी रेखा को मापता है।
दूरी को कभी भी नकारात्मक नहीं माना जाता जबकि विस्थापन का मान धनात्मक, शून्य या ऋणात्मक हो सकता है, यह दिशा पर निर्भर करता है। इन दोनों मात्राओं की इकाई मीटर (meter) होती है और अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (SI) में इन्हें लंबाई से व्यक्त किया जाता है।
दूरी और विस्थापन की स्पष्ट समझ गति, वेग और त्वरण जैसे अन्य भौतिक राशियों को समझने में सहायक होती है। यह अवधारणा विद्यार्थियों को यह जानने में मदद करती है कि केवल कितनी दूरी तय की गई यह जानना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह भी समझना आवश्यक है कि वह कितनी दिशा में और किस प्रकार तय की गई।
इसलिए, गति के अध्याय में दूरी और विस्थापन का ज्ञान वैज्ञानिक सोच की नींव है और विद्यार्थियों को इसे व्यवहारिक उदाहरणों के साथ अभ्यास करना चाहिए ताकि वे इसे सही ढंग से समझ सकें और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।